प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को चेताया किया कि वो ये समझने की भूल ना करें कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ख़त्म हो गई है.
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये वायरस अपना स्वरूप बदलता है, इसलिए इससे बचाव के लिए कोरोना वायरस संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करना और वैक्सीन लगवाना ही उपाय है. उन्होंने वैक्सीन से जुड़ी अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की.
वैक्सीन के प्रति लोगों को भरोसा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने दोनों खुराक ली हैं. मेरी माताजी लगभग 100 साल की हैं. उन्होंने भी दोनों खुराक ले ली हैं, इसलिए टीकों को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान नहीं दें.”
उन्होंने कहा, “ये बीमारी ऐसी है, ये बहुरुपिया है, रूप बदलती है, नए-नए रंग-रूप लेकर पहुंच जाती है. इससे बचाव के हमारे पास दो ही रास्ते हैं. पहला रास्ता है- कोरोना वायरस संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करना और दूसरा रास्ता है टीकाकरण का.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ देश की लड़ाई जारी है और इस जंग में देश आए दिन कई असाधारण मुकाम भी हासिल कर रहा है. उन्होंने इस कड़ी में टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के पहले दिन 21 जून को 86 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त टीका लगाए जाने का ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन नहीं लेना बहुत ख़तरनाक हो सकता है और इससे ना सिर्फ एक व्यक्ति अपनी जान को खतरे में डालता है, बल्कि अपने परिवार और गांव को भी ख़तरे में डालता है. उन्होंने कहा कि देश के कई ऐसे गांव हैं जहां शत प्रतिशत टीकाकरण हो चुका है या फिर इसके क़रीब है. प्रधानमंत्री ने इस सिलसिले में कश्मीर के बांदीपोरा ज़िले और नगालैंड के तीन गांवों का उदाहरण दिया.