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पीएम मोदी का बड़ा ऐलान: 18 साल से ऊपर वालों को मुफ़्त वैक्सीन मिलेगी, ग़रीबों को नवंबर तक मुफ़्त अनाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश को संबोधित करते हुए बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 21 जून से 18 साल से 44 साल तक की उम्र वाले लोगों के लिए भी मुफ़्त वैक्सीन मुहैया कराएगी.

 

उन्होंने कहा, “वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार ख़ुद ही ख़रीदकर राज्य सरकारों को मुफ़्त में देगी. देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा.”

पीएम मोदी ने बताया कि देश में बन रही वैक्सीन में से 25 प्रतिशत प्राइवेट अस्पताल को सीधे देने की व्यवस्था जारी रहेगी.

अब प्राइवेट अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित क़ीमत के बाद एक ख़ुराक पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे. इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा.

ग़रीबों को दिवाली तक मुफ़्त अनाज संबोधन में प्रधानमंत्री ने एक और बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा, “आज सरकार ने फ़ैसला लिया है कि प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा. यानि नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को, हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा.”

अपनी बात शुरू करते हुए उन्होंने कहा, “बीते सौ वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है, त्रासदी है. इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी, न अनुभव की थी.”

उन्होंने कहा, “इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है. सेकेंड वेव के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी.”

पीएम ने कहा, “भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई. इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया, सरकार के सभी तंत्र लगे.”

संबोधन में उन्होंने कहा, “आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं. कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता?”

केंद्र पर उठे सवालों का ज़िक्र किया

पीएम मोदी ने कहा, “इस साल 16 जनवरी से शुरू होकर अप्रैल महीने के अंत तक, भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम मुख्यत: केंद्र सरकार की देखरेख में ही चला. सभी को मुफ्त वैक्सीन लगाने के मार्ग पर देश आगे बढ़ रहा था. देश के नागरिक भी, अनुशासन का पालन करते हुए, अपनी बारी आने पर वैक्सीन लगवा रहे थे.”

उनके मुताबिक़, “इस बीच, कई राज्य सरकारों ने फिर कहा कि वैक्सीन का काम डी-सेंट्रलाइज किया जाए और राज्यों पर छोड़ दिया जाए. तरह-तरह के स्वर उठे. जैसे कि वैक्सीनेशन के लिए आयु वर्ग क्यों बनाए गए?”

“दूसरी तरफ किसी ने कहा कि उम्र की सीमा आखिर केंद्र सरकार ही क्यों तय करे? कुछ आवाजें तो ऐसी भी उठीं कि बुजुर्गों का वैक्सीनेशन पहले क्यों हो रहा है? भांति-भांति के दबाव भी बनाए गए, देश के मीडिया के एक वर्ग ने इसे कैंपेन के रूप में भी चलाया.”

उन्होंने कहा, “पिछले काफी समय से देश लगातार जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है, उससे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है. आज देश में 7 कंपनियाँ, विभिन्न प्रकार की वैक्सीन्स का प्रॉडक्शन कर रही हैं. तीन और वैक्सीन्स का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है.”

 

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