टूलकिट मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की़ गिरफ़्तारी पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने किसी भी पार्टी से इस मामले में राजनीति न करने के लिए कहा है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि ‘इसमें राजनीति और किसी राजनीतिक पार्टी को शामिल होने की ज़रूरत नहीं है. जो क़ानून है उसके हिसाब से इस मामले में जांच होगी. पुलिस अपने हिसाब से मामले की जांच करेगी.’
इससे पहले किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर दिल्ली पुलिस ने कहा कि ‘दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु ने टूलकिट बनाई और दूसरों के साथ शेयर किया.’ इस मामले में दिल्ली पुलिस साइबर सेल के जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने कहा, ‘जैसा कि हम जानते हैं कि 26 जनवरी को बड़े पैमाने हिसा हुई. 27 नवंबर से किसान आंदोलन चल रहा था. 4 फरवरी को हमें टूलकिट के बारे में जानकारी मिली जो कि खलिस्तानी सगठनों की मदद से बनाया था.’ पुलिस के मुताबिक़ दिशा ने यह डॉक्यूमेंट क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर किए थे.
A woman named Puneet who is based in Canada connected these people to the Pro-Khalistani Poetic Justice Foundation. On 11th January Nikita and Shantanu attended a Zoom meeting organised by Poetic Justice Foundation in which modalities were chalked out: Prem Nath, Jt CP Cyber Cell pic.twitter.com/BgL0cr9uXs
— ANI (@ANI) February 15, 2021
क्या है पूरा मामला?
बेंगलुरु की 22 साल की दिशा रवि ‘फ़्राइडे फ़ॉर फ़्यूचर’ नामक मुहिम की संस्थापक हैं. उन्हें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार की शाम बेंगलुरु से गिरफ़्तार किया था. ग्रेटा थनबर्ग के किसानों के समर्थन में ट्वीट करने के बाद दर्ज हुए मामले में यह पहली गिरफ़्तारी है. दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को दिल्ली की एक अदालत में पेश करते हुए कहा है कि “दिशा रवि टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट की एडिटर हैं और इस डॉक्यूमेंट को बनाने और इसे प्रसारित करने में उनकी मुख्य भूमिका है.”