कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफ़ा देने की घोषणा की. 78 वर्षीय बी एस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने के मौक़े पर आयोजित कार्यक्रम में अपने अपने फ़ैसले के बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों, ख़ासकर उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र शिकारपुर के लोगों ने उनके पांच दशक से अधिक वक़्त के राजनीतिक जीवन के दौरान भरपूर प्यार दिया.
येदियुरप्पा ने कहा, “मेरी योजना आज शाम को मेरा इस्तीफ़ा कर्नाटक के राज्यपाल टी सी गहलोत को सौंपने की है.”
वहीं, कांग्रेस ने येदियुरप्पा के इस्तीफ़े पर कटाक्ष करते हुए सवाल पूछा है कि चेहरा बदलने से क्या बीजेपी का चरित्र बदलेगा?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट में लिखा है- “रोग कर्नाटक में बीजेपी की भ्रष्ट सरकार और घटिया कुशासन में है, क्योंकि ये एक अवैध सरकार है जिसका जन्म दल बदल और भ्रष्टाचार से हुआ है. क्या केवल चेहरा बदलने से बीजेपी सरकार का नाकीय चरित्र बदलेगा?”
Malady is with BJP’s corrupt Govt & appalling maladministration in #Karnataka , for it is an illegitimate Govt born out of “defection & corruption”.
Will merely changing the face change the diabolical character of BJP Govt synonymous with mal governance & decay.
1/n https://t.co/MFxaZ1m5BQ— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 26, 2021
जब भ्रष्टाचार में घिरे येदियुरप्पा
बी एस येदियुरप्पा कम वक़्त के लिए दो बार मुख्यमंत्री रहने के बाद 2008 में कर्नाटक में बीजेपी को भारी जीत दिलवाकर एक बार फिर मुख्यमंत्री बने थे.
हालांकि उन्हें मई, 2011 में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद इस्तीफ़ा देना पड़ा था. उस वक़्त कर्नाटक के लोकायुक्त की अवैध खनन की एक रिपोर्ट में उनका नाम आया.
सरकारी ज़मीन को अपने बेटों के ट्रस्ट को देने के दो मामले के कारण उन्हें अक्टूबर-नवंबर, 2011 में 23 दिनों तक जेल में भी जाना पड़ा था.
सीबीआई ने उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा भी चलाया था, लेकिन बेंगलुरू की एक सेशन कोर्ट ने इस मामले को ख़ारिज कर दिया.