किसानों और सरकार के बीच चल रही बातचीत का कोई हल निकलता नज़र नहीं आ रहा है. केंद्र सरकार और किसानों के बीच दसवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा ही रही. हालांकि बुधवार को हुई बैठक में केंद्र सरकार ने कहा कि वो कृषि कानूनों को डेढ़ से दो साल के लिए रोकने को तैयार है. इस पर किसान संगठनों ने प्रस्ताव पर विचार करने को कहा है. किसान नेताओं ने कहा कि हम 500 किसान संगठन हैं, गुरुवार को हम सबसे चर्चा करके 22 जनवरी को अपना जवाब देंगे.
I feel that talks are progressing in the right direction and there is a possibility of finding a resolution on Jan 22: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/QqChrpXL9E
— ANI (@ANI) January 20, 2021
बैठक के बाद किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि बैठक में 3 कानूनों और MSP पर बात हुई. सरकार ने कहा हम तीन कानूनों का एफिडेविट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को देंगे और कानूनों पर हम एक से डेढ़ साल के लिए रोक लगा देंगे. एक कमेटी बनेगी जो 3 क़ानूनों और MSP का भविष्य तय करेगी.
इसके अलावा किसानों ने सरकार से एनआईए की तरफ़ से किसानों पर दर्ज किया गए केस वापस लेने की भी माँग की. सरकार ने किसान नेताओं से उन किसानों को नाम मांगे हैं इसके साथ ही सरकार ने कहा कि वो इस मामले को देखेगी. अब 22 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच अगले दौर की बैठक होगी.
आज हमारी कोशिश थी कि कोई निर्णय हो जाए। किसान यूनियन क़ानून वापसी की मांग पर थी और सरकार खुले मन से क़ानून के प्रावधान के अनुसार विचार करने और संशोधन करने के लिए तैयार थी: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सरकार और किसान नेताओं की 10वें दौर की वार्ता के बाद pic.twitter.com/jj0ZG3lZ80
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
हालांकि एक के बाद एक बैठकों के दौर के बीच सरकार की तरफ से यह स्पष्ट संदेश है कि कृषि क़ानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा. तीनों कृषि कानूनों पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की तरफ से रोक लगी हुई है.