दिल्ली की सीमाओं पर दो महीने से चल रहे किसान आंदोलन में दो किसान संगठनों ने ख़ुद को आंदोलन से अलग कर लिया है. 26 जनवरी पर किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद राष्ट्रीय किसान मज़दूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने आंदोलन से अलग होने का ऐलान किया है.
राष्ट्रीय किसान मज़दूर संगठन के अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने कहा कि उनका संगठन मौजूदा आंदोलन से अलग हो रहा है क्योंकि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में आगे नहीं बढ़ सकते जिसमें कुछ की दिशा अलग है. राष्ट्रीय किसान मज़दूर संगठन अपने आंदोलन को यहीं ख़त्म कर रहा है हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं.
Delhi: Farmers protest against Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan leader VM Singh following his announcement to withdraw from the agitation.
Visuals from Ghazipur border. https://t.co/CYKZoH9y4y pic.twitter.com/MEhgOIOxkl
— ANI (@ANI) January 27, 2021
भारतीय किसान यूनियन (भानू) से जुड़े किसान चिल्ला बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे. बीकेयू (भानू) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ भी हुआ उससे वह काफी दुखी हैं और उनकी यूनियन ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है.
I am deeply pained by whatever happened in Delhi yesterday and ending our 58-day protest: Thakur Bhanu Pratap Singh, president of Bharatiya Kisan Union (Bhanu) at Chilla border pic.twitter.com/5WNdxM9Iqo
— ANI UP (@ANINewsUP) January 27, 2021
किसान नेताओं के आंदोलन से अलग होने के ऐलान के बाद धरना स्थल पर तंबू उखड़ने भी शुरू हो गए. चिल्ला बॉर्डर की तस्वीरों में किसान अपने टेंट और बिस्तर समेटने में लगे दिखाई दे रहे हैं.
#WATCH: Some farmers seen taking off their tents at Chilla border following announcement of Thakur Bhanu Pratap Singh, president of Bharatiya Kisan Union (Bhanu), that the organisation is ending the protest in the light of violence during farmers' tractor rally y'day.#FarmLaws pic.twitter.com/wgDIeKnUMf
— ANI UP (@ANINewsUP) January 27, 2021
कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान तकरीबन दो महीने से यहाँ डटे हुए थे. अब नोएडा पुलिस प्रशासन के मुताबिक़ भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने चिल्ला बॉर्डर से अपना कृषि क़ानूनों के खिलाफ आंदोलन को खत्म कर दिया है. जो ट्रैफिक यहां किसानों के प्रदर्शन की वजह से बाधित था, अब हम उसे सुचारू रूप से चलाने का प्रयास कर रहे हैं.