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‘किसानों के साथ चीनी फौजियों जैसा बर्ताव हो रहा है’

फ़ोटो - LSTV

कृषि क़ानूनों को लेकर सड़क से संसद तक हल्ला जारी है. मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के भाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एआईएमआईएम अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. ओवैसी ने टिकरी, सिंघु और ग़ाजीपुर बॉर्डर की तुलना भारत-चीन सीमा से करते हुए कहा कि सरकार कृषि क़ानूनों को वापस लेने की माँग की.

केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘जिस तरीके का बर्ताव किसानों के साथ किया जा रहा है, ऐसा लगता है जैसे वो चीनी सेना हैं और जो बर्ताव चीन की फौज के साथ किया जाना था, वो किसानों के साथ किया जा रहा है.’

‘जिस जगह पर हमें इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना था, हमने टिकरी पर बना दिया. सिंघु, गाज़ीपुर में बना दिया, अरुणाचल प्रदेश में नहीं बनाया, आख़िर हो क्या रहा है?.’

उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा, ‘चीन अपने ढांचे और सेना को बढ़ा रहा है. मैं सरकार से जानना चाहता हूं कि वो उस समय के लिए क्या तैयारियां कर रही है, जब बर्फ़ पिघलेगी और चीन फिर से हमला करेगा.’

असदउद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य सभा में दिए ‘आंदोलनजीवी’ वाले बयान पर तंज करते हुए कहा कि ‘मैं एक आंदोलनजीवी हूँ, इसलिए यहाँ बोल रहा हूँ.’

केंद्र सरकार के किसानों के साथ रवैये को लेकर उन्होंने तंज करते हुए साहिर लुधियानवी का एक शेर थोड़ा बदल कर पढ़ा कि ‘चीन पर करम और किसानों पर सितम, रहने दे थोड़ा सा भरम, ऐ जानेवफ़ा ये जुल्म न कर.’

उन्होंने कहा ‘मैं जानना चाहता हूं कि किसानों पर क्यों जुल्म किया जा रहा है. आपको अपनी अना (अहंकार) को छोड़ना होगा और कृषि क़ानूनों को वापस लेना होगा.’

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