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एमजे अकबर मानहानि मामले में प्रिया रमानी बरी, दी ये प्रतिक्रिया, क्या था पूरा मामला

फोटो क्रेडिट- पीटीआई

आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार प्रिया रमानी को बरी कर दिया है. प्रिया रमानी के ख़िलाफ़ ये मुक़दमा पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने दायर किया था. एमजे अकबर ने खुद पर यौन शोषण के आरोप लगाए जाने के बाद प्रिया रमानी पर मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था.

अदालत ने कहा कि हमारे समाज को ये समझने में समय लगता है कि कभी-कभी पीड़ित व्यक्ति मानसिक आघात के कारण वर्षों तक नहीं बोल पाता है. महिला को यौन शोषण के ख़िलाफ़ आवाज उठाने के लिए दंड नहीं दिया जा सकता. महिलाएं ज़्यादातर सामाजिक दबाव में शिकायत नहीं कर पाती है. समाज को अपने पीड़ितों पर यौन शोषण और उत्पीड़न के प्रभाव को समझना चाहिए.

अदालत ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा किसी के सम्मान की क़ीमत पर नहीं की जा सकती है. और महिलाओं के पास दशकों बाद भी अपनी शिकायत करने का अधिकार है.

फ़ैसला आने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रिया रमानी ने कहा कि ‘मेरे सच को क़ानून की अदालत ने स्वीकार किया है. ये सच में बड़ी बात है.’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मेरी जीत से महिलाओं को खुलकर बोलने का हौसला मिलेगा और ताक़तवर लोग पीड़िताओं को अदालत में घसीटने से पहले दो बार सोचेंगे.’



पूरा मामला क्या था

प्रिया रमानी ने मी टू #MeToo अभियान के दौरान तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था. प्रिया रमानी के बाद 20 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे.

इन आरोपों के बाद 17 अक्टूबर 2018 को एमजे अकबर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.

एमजे अकबर के ख़िलाफ़ यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी पहली महिला थीं.

मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा देने के बाद अपने बयान में एमजे अकबर ने कहा था कि वे निजी तौर पर आरोपों के ख़िलाफ़ लड़ेंगे. इसके बाद ही उन्होंने प्रिया रमानी के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था.

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