तमाम जद्दोजहद के बाद भी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. जिसका असर अब हरियाणा की राजनीति पर भी पड़ता नजर आ रहा है. गृह मंत्री अमित शाह के बाद हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. करीब एक घंटे चली मुलाकात के बाद चौटाला बिना मीडिया से बातचीत किए चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए. कयास लगाए जा रहे हैं कि बैठक के दौरान कृषि कानूनों समेत कई मुद्दों पर बातचीत की गई.
इसे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं.
हालांकि, राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसी भी राजनीतिक उठापठक से इंकार करते हुए कहा कि उनकी सरकार पूरे पांच साल चलेगी.
वहीं सोमवार को इंडियन नेशनल लोकदल प्रमुख अभय चौटाला ने चिट्ठी लिखकर खट्टर सरकार का विरोध किया था. हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष के नाम इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा था कि अगर 26 जनवरी तक किसानों की बात नहीं मानी जाती है तो उनकी इस चिट्ठी को ही इस्तीफा माना जाए.
Indian National Lokdal leader Abhay Singh Chautala writes to Haryana Assembly Speaker, says, "If by 26th January the Centre does not take back the farm laws, then, this letter should be considered as my resignation from the state assembly". pic.twitter.com/w7nNQqQEJJ
— ANI (@ANI) January 11, 2021
अभय चौटाला की किसानों के समर्थन में लिखी गई इस चिट्ठी के बाद से ही हरियाणा की राजनीति में हलचल देखी जा रही है. कहा जा रहा है कि जननायक जनता पार्टी के कुछ विधायक आंदोलन कर रहे किसानों के दबाव में हैं। दिसंबर 2020 में राज्य के उपमुख्मंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि कि अगर वह किसानों को केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी केंद्र से नहीं दिला पाते हैं तो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.