कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बुधवार को हरियाणा के जींद में महापंचायत हुई. इस महापंचायत में बड़ी तादाद में किसान पहुँचे. इस बैठक में किसानों ने एक बार फिर कृषि क़ानूनों को वापस लेने की माँग दोहराई. महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ‘किसान आंदोलन धीमा नहीं होगा और इस आंदोलन का कोई नेता नहीं हैं, इसके नेता किसान हैं.’
किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी भरे लहजे में केंद्र सरकार से कहा कि ‘अगर कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो उसके लिए सत्ता में बने रहना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि ‘हमने अभी बिल वापसी की बात की है, सरकार कान खोल कर सुन ले अगर इस नौजवान ने गद्दी वापसी की बात कर दी तो क्या करोगे? ‘
हरियाणा के कंडेला में किसान महापंचायत, उमड़ा भारी जनसैलाब#FarmersProtest #कंडेला #KisanAndolan pic.twitter.com/Vcs6S4WaCk
— UnReported India (@UnReportedIndia) February 3, 2021
महापंचायत में किसानों ने एक बार फिर तीनों कृषि क़ानून वापस लेने, एमएसपी को अमली जामा पहनाने और स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें लागू करने की मांग दोहराई. राकेश टिकैत ने कहा कि ‘इस आंदोलन को कोई दबा नहीं कर सकते, हमारी ये लड़ाई ज़मीन बचाने की है. हम तिजोरी में अनाज बंद नहीं होने देंगे.’
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में प्रशासन की तरफ़ से बैरिकेडिंग बढ़ाने पर हमला करते हुए टिकैत ने ‘जब-जब राजा डरता है, किलेबंदी करता है.’ के नारे लगाए.
जींद किसान महापंचायत
तीनों कृषि कानून वापस हो
एमएसपी को कानून बनाया जाए
गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए
स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू किया जाए
किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हो।#जींद #किसान_आंदोलन_जारी_रहेगा #रिट्वीट @AHindinews @PTI_News @ndtvindia @ANI @BBCIndia— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) February 3, 2021
महापंचायत के दौरान मंच टूटने पर राकेश टिकैत ने कहा कि ‘पंचायत में मंच टूट गया, अच्छा हुआ, भाग्यवान लोगों के मंच टूटते हैं. ये लोग भी वही हैं, ये ट्रैक्टर भी वही हैं.’
#WATCH | The stage on which Bharatiya Kisan Union (Arajnaitik) leader Rakesh Tikait & other farmer leaders were standing, collapses in Jind, Haryana.
A 'Mahapanchayat' is underway in Jind. pic.twitter.com/rBwbfo0Mm1
— ANI (@ANI) February 3, 2021
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान, देश की राजधानी दिल्ली में बीते साल नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में भी कुछ दिनों पहले किसानों ने ऐसी ही महापंचायत बुलाई थी. जिसके बाद बड़ी संख्या में किसान ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पहुंचे थे.