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तरुण तेजपाल मामले में गोवा सरकार हाई कोर्ट पहुंची, कहा- फिर से मुकदमा चले

तरुण तेजपाल को बरी किए जाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ गोवा की राज्य सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील दायर की है. सरकार की राज्य सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि इस मामले की ट्रायल कोर्ट में फिर से सुनवाई होनी चाहिए.
निचली अदालत के फैसले के मद्देनज़र बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा बेंच के समक्ष दायर की गई अपील में इस हफ्ते कुछ बदलाव किए गए और तरुण तेजपाल की रिहाई को चुनौती देने के लिए और दलीलें जोड़ी गई हैं.
गोवा सरकार का कहना है कि ट्रायल कोर्ट ने बचाव पक्ष के गवाह पर तो भरोसा किया लेकिन अभियोजन और पीड़िता की ओर से पेश किए गए गवाहों के साक्ष्य को ख़ारिज कर दिया.
ये भी दलील दी गई है कि ट्रायल कोर्ट, पीड़िता के घटना के बाद के बर्ताव को ठीक से समझ नहीं पाया और उसके चरित्र की निंदा कर दी.
अपील में ये भी कहा गया है कि निचली अदालत ने माफीनामे वाले ईमेल को भी नज़रअंदाज कर दिया जिससे अभियुक्त का अपराध बिना किसी संदेह के साबित होता था.
निचली अदालत ने अपने फैसले में महिला के आचरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि यौन हमलों के मामले में किसी पीड़िता का जैसा बर्ताव होना चाहिए था, इस पीड़िता ने वैसा सामान्य बर्ताव नहीं दिखलाया.
गोवा सरकार ने इस मामले में बाद में अपील दायर की. संशोधित अपील पर अब दो जून को सुनवाई होनी है. राज्य सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि ट्रायल कोर्ट ये बात भूल गया कि इस मामले के अभियुक्त तरुण तेजपाल थे न कि पीड़िता.
क्या है पूरा मामला
21 मई को जज क्षमा जोशी ने तहलका मैगज़ीन के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल को बरी करने का फ़ैसला सुनाया था. तरुण तेजपाल पर नवंबर, 2013 में एक इवेंट के दौरान गोवा के एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में अपनी महिला सहकर्मी पर यौन हमला करने का आरोप लगाया गया था.
तेजपाल के बरी करने के कोर्ट के फ़ैसले से कई लोगों को हैरानी हुई थी. अदालत में चले मामले के दौरान तेजपाल के बयान भी बदलते रहे. पहले उन्होंने इसे ‘आपसी सहमति’ से हुई घटना कहा, लेकिन बाद में कहा कि “निर्णय में चूक” और “स्थिति को ग़लत तरीके से समझने के कारण” इस तरह की “दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई.”
इसके बाद उन्होंने पहले का दिया अपना वो बयान वापस ले लिया जिसमें उन्होंने कहा था कि “स्पष्ट तौर पर आपकी अनिच्छा के बावजूद आपसे यौन संबंध बनाने की कोशिश की.” उन्होंने कहा कि ऐसा बयान देने के लिए उन पर ज़ोर डाला गया था. कोर्ट में दाख़िल किए गए दस्तावेज़ों में उन्होंने इस घटना के बारे में कहा कि यह “नशे की हालत में हुआ एक हादसा था.”

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