पेट्रोल-डीज़ल की ऊंची क़ीमतों को लेकर लोक सभा में पूछे गए सवाल के जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि इन पर लगाए गए केंद्रीय उत्पाद शुल्क और उपकरों के पैसों से सरकार नागरिकों को मुफ़्त कोरोना वैक्सीन और ग़रीबों को मुफ़्त राशन दे रही है.
लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में हरदीप पुरी ने कहा, “पेट्रोल-डीज़ल के दाम वैश्विक बाज़ार के हिसाब से तय होते हैं. केंद्र सरकार इन पर 32 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क वसूलती है. इससे मिले पैसे से प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना में 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन और 80 करोड़ नागरिकों को मुफ़्त वैक्सीन दी जा रही है.”
उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने 26 जून 2010 को पेट्रोल की क़ीमतों का विनियमन किया था, जबकि डीज़ल की क़ीमतों का विनियमन 19 अक्टूबर 2014 को किया गया था.
उसके बाद से पेट्रोलियम उत्पादों की क़ीमत वैश्विक बाज़ार में क़ीमतों के आधार पर तय होती है.
वर्तमान में 85% पेट्रोलियम का आयात किया जाता है. वैश्विक बाज़ार में दाम उत्पादक और निर्यातक देश तय करते हैं.
पेट्रोलियम मंत्री पुरी के मुताबिक़, तेल विपणन कंपनी 40 रुपये के पेट्रोलियम उत्पाद पर सिर्फ चार रुपये कमाती है. उसके ऊपर केंद्र सरकार 32 रुपये (पेट्रोल पर 32.90 रुपए और डीज़ल पर 31.80 रुपए) का उत्पाद शुल्क लगाती है. इसके साथ ही राज्य सरकारें 39 प्रतिशत तक वैट लगाती हैं.
पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल किए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि ये जीएसटी परिषद को तय करना है.