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बाहर आएंगे मज़दूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार, तीनों मामलों में ज़मानत

शिव कुमार को 16 फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था. उन पर वसूली और फैक्ट्री मालिकों पर हमले जैसे मामले दर्ज थे. उनके ख़िलाफ़ दर्ज तीन मामलों में से दो मामलों में उन्हें बुधवार को ज़मानत मिल गई थी.

मज़दूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार को सोनीपत कोर्ट से ज़मानत मिल गई है. शिव कुमार मज़दूर अधिकार संगठन के अध्यक्ष हैं. शिव कुमार के ख़िलाफ़ दर्ज तीनों मामलों में उन्हें ज़मानत दी गई है. इससे पहले 3 मार्च को उन्हें दो मामलों में ज़मानत मिल गई थी.

24 साल के शिव कुमार हरियाणा के कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में काम करते थे और अपना संगठन चलाते थे. शिव कुमार के संगठन से ही नौदीप कौर भी जुड़ीं जिन्हें 26 फरवरी को हरियाणा- पंजाब हाई कोर्ट ने ज़मानत दी थी.

शिव कुमार की मेडिकल रिपोर्ट से बढ़ी थी चिंता

4 फरवरी को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में शिव कुमार की मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई थी. ये रिपोर्ट पंजाब गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने पेश की थी. रिपोर्ट में शिव कुमार के शरीर में कई जगह चोट के निशान और 2 फ्रैक्चर की ज़िक्र है.
ये रिपोर्ट पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के बाद पेश की गई थी. रिपोर्ट में शिव कुमार के पैर में सूजन, टूटे हुए नाखून, फ्रैक्चर और पोस्ट ट्रॉमैटिक डिसऑर्डर (किसी बुरी घटना के बाद लगने वाला सदमा) के बारे में बताया गया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वह सामान्य और गंभीर चोटों से पीड़ित हैं.

मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक शिव कुमार के शरीर पर मिले चोट के निशान 2 सप्ताह से पुराने हैं, इस बात की भी संदेह जताया गया है कि यह निशान किसी हथियार की वजह से हो सकते हैं.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शिव कुमार को तीन दिनों तक सोने नहीं दिया गया.

नौदीप कौर ने बताया था कि शिव कुमार की गिरफ़्तारी ग़लत है, उनके साथ हिरासत में मारपीट की गई है. जल्द से जल्द उन्हें रिहा किया जाए.

नौदीप कौर की गिरफ़्तारी के बाद शिव कुमार को 16 फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था. नौदीप कौर की ज़मानत के बाद शिव कुमार की रिहाई की मांग तेज हो रही थी. इस बाबत कई किसान और मज़दूर संगठनों ने शिव कुमार के पिता के साथ दिल्ली के प्रेस क्लब में पत्रकारों से भी बात की थी.

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