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मध्य प्रदेश: खेती के लिए बैंक से पैसा निकालने को रात भर लाइनों में लगे किसान

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से किसान पहले ही बहुत परेशानी झेल रहे हैं, अब खेती-किसानी का काम करने के लिए किसानों को अपना ही पैसा बैंकों से निकालने के लिए काफ़ी मशक़्क़त करनी पड़ रही है.  मामला है मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले का जहां के शमशाबाद में  बीज और कीटनाशक जैसा सामान खरीदने के लिए बैंक से पैसा निकाल रहे हैं. लेकिन बैंक का टोकन हासिल करने के लिए किसानों को रात-रात भर लाइनें लगानी पड़ रही हैं. किसान अपनी-अपनी बैंक पास बुक को लाइन में रखकर रात वहीं काट रहे हैं.

पूरा मामला क्या है?

हुआ ये था कि शमशाबाद की ज़िला सहकारी बैंक के कुछ कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद से ये बैंक 14 दिन से बंद था. किसान कई दिनों से बैंक खुलने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे. 25 मई को बैंक फिर से खुला, जिसके बाद वहां पैसे निकालने के लिए किसानों की भीड़ लग गई.  भीड़ को देखते हुए बैंक ने फैसला किया कि एक दिन में 150 लोगों को ही टोकन दिए जाएंगे.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, शमशाबाद के तहसीलदार ने बताया, ‘पैसे निकालने के लिए वो रात से टोकन का इंतजार कर रहे हैं, 150 टोकन बांटे गए हैं. बाक़ी लोगों को टोकन कल मिल जाएंगे.’ क्योंकि एक दिन में 150 से ज़्यादा टोकन नहीं मिल पाते और कई लोगों को लौटना पड़ता है, इसलिए लोग रात से ही लाइन लगा रहे हैं ताकि उनका नंबर जल्दी आ जाए. टोकन दिखाकर ही किसानों को बैंक के अंदर जाने दिया जाता है.

 

हालांकि बैंक अधिकारियों का कहना है कि जो लोग अस्पताल में इलाज के लिए या किसी दूसरी इमरजेंसी ज़रूरत के लिए पैसे निकालने आ रहे हैं, उन्हें बिना टोकन के भी पैसे दिए जा रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में भी ऐसा ही नज़ारा

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव ज़िले के फरसगांव के ज़िला सहकारी बैंक पर किसान लाइने लगाए दिखे. 27 मई गुरुवार की रात को बैंक के सामने किसानों की भीड़ देखने को मिली. घर से खाना खाकर किसान अपना बिस्तर लेकर रात आठ बजे से ही बैंक के सामने बैठे नज़र आए, जबकि बैंक खुलने में 16 घंटे का वक़्त और था.
किसानों का कहना है कि सबसे पहले आने वाले 50 लोगों को ही पैसा दिया जा रहा है. इसलिए वो रात से ही बैंक के सामने बैठकर इंतज़ार कर रहे हैं. वहां आए एक किसान ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘दो-तीन दिन से आ रहा हूं. पैसा नहीं मिल पाया. आज शाम 6 बजे से आ गया हूं. खाना खाकर आया हूं, लग रहा है टोकन मिल जाएगा.’

किसानों का कहना है सभी किसानों को पैसों की ज़रूरत है और सब इन हालातों की वजह से वो परेशानी से गुज़र रहे हैं.

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