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Maharashtra lockdown: किसानों को नहीं मिल पा रहे फसलों के खरीदार

  महाराष्ट्र के कई ज़िलों में लॉकडाउन लगने की वजह  से किसान परेशान हैं. परभणी ज़िले में किसानों को फसल न बिक पाने की समस्या से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. 

महाराष्ट्र में कोरोना  (Maharashtra Corona) के बढ़ते संकट को देखते हुए एक के बाद एक कई जिलों में लॉकडाउन (Lockdown) लगाया जा  चुका है. नागपुर, नांदेड़ और बीड के बाद 24 मार्च को परभणी (Parbhani Corona Lockdown)जिले में भी लॉकडाउन लगा दिया गया. यह लॉकडाउन 1 अप्रैल की शाम 6 बजे तक लागू रहेगा. लॉकडाउन के दौरान राशन की दुकानों और अस्पताल छोड़कर सभी तरह के मार्केट और दुकानें बंद कर दी गईं हैं.

कोरोना को लेकर की जा रही यह सख़्ती किसानों पर भारी पड़ रही है. मार्केट से लेकर यातायात बंद होने से किसान अपनी फसलों को मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनको फसल के लिए ख़रीदार ही नहीं मिल रहा है. किसान नेता मानिक कदम ने URI को बताया कि ‘उन्होंने अपने पांच एकड़ खेत में तूअर और सोयाबीन की फसल लगाई. बारिश की मार की वजह से पहले ही फसल को नुकसान हुआ. हालांकि इस बार कम उत्पादन होने से अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद थी लेकिन अच्छी कीमतो तो छोड़िए कोई खरीदार तक मिलना मुश्किल हो रहा है.’

यूं तो परभणी जिले में मंडियां खुली हुई हैं लेकिन व्यापारी नदारद हैं. इक्का-दुक्का अगर कोई व्यापारी फसल ख़रीदने आ रहा है तो वो फसलों के आने पौने दाम लगा रहा है. मानिक कदम ने हमें बताया कि फसल न बिक पाने की वजह से किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे है. किसान बिजली के बिल नहीं दे पा रहे हैं जिसकी वजह से उनकी बिजली काटी जा रही है.

ऐसा ही हाल सब्ज़ी उगाने वाले किसानों का भी है. नांदेड़ ज़िले के रहने वाले किसान बालाजी कल्याणकर ने URI से बात करते हुए बताया कि ‘वो टमाटर की खेती करते हैं लेकिन लॉकडाउन की वजह से ग्राहक नहीं मिल रहे. बालाजी कहते हैं कि ‘मैंने एक एकड़ जमीन में टमाटर की खेती की. इसमें मजदूरी और खाद लगा कर लगाकर लगभग एक से डेढ लाख रुपये की लागत आई लेकिन अब बीस हजार रुपये तक नहीं मिल पा रहे हैं. गुस्से और अफसोस की मिली जुली आवाज में बालाजी ने कहा ‘मुनाफा तो छोड़िए लागत तक नहीं निकल पा रही है. व्यापारी 20 किलो टमाटर की करेट के मंडी में 20 रुपये दे रहे हैं.’

किसानों का कहना है कि ग्राहक न मिलने की वजह से उनकी फसल खेतों में ही सड़ने को मजबूर है. टमाटर जैसी सब्ज़ियों को लंबे वक़्त तक के लिए स्टोर करके नहीं रखा जा सकता ऐसे में किसान इनको खेत से निकाल कर फ़ौरन मंडियों तक पहुँचाते हैं. लेकिन एक बार फिर लगे लॉकडाउन ने किसानों को बर्बादी की कगार पर ला दिया है.

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