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स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया ज़मानत पर रिहा हुए, बोले जेल में भी तैयार की रिपोर्ट

सिंघु बॉर्डर से गिरफ़्तार हुए पत्रकार मनदीप पुनिया ज़मानत पर रिहा हो गए हैं. बुधवार रात नौ बजे उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा किया गया. रिहा होने के बाद मनदीप ने उनके लिए आवाज़ उठाने वाले सभी पत्रकारों का शुक्रिया अदा किया.

जेल से बाहर आकर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘वो पत्रकारिता की अपनी ड्यूटी पहले की तरह जारी रखेंगे.’ उन्होंने कहा कि मैंने जेल से ही एक रिपोर्ट लिखी है.

रिहा होने के बाद मनदीप ने एक ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘मुझे रिपोर्टिंग करने से रोका गया और जेल भेज दिया गया. मैंने जेल में गिरफ़्तार हुए किसानों से बातचीत की है और उन पर लोग जल्द ही मेरी रिपोर्ट पढ़ेंगे. जेलों में बंद अन्य पत्रकारों को रिहा किया जाना चाहिए. पत्रकारों का काम होता है ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्ट करना और वो हम करते रहेंगे.’

मनदीप पहले दिन से किसान आंदोलन पर रिपोर्टिंग कर रहे हैं. शनिवार शाम क़रीब सात बजे सिंघु बॉर्डर से मनदीप पुनिया को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. एक वायरल वीडियो के ज़रिये मनदीप की गिरफ़्तारी का पता चला था. वीडियो में पुलिस एक शख़्स को खींचकर ले जाने की कोशिश करती हुई दिख रही थी. कई घंटे तक मनदीप की गिरफ़्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी.

इसके बाद देर रात मनदीप पुनिया के बारे में पत्रकारों ने ट्वीट करना शुरू किया कि पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया है, लेकिन उन्हें कहाँ ले जाया गया इसकी जानकारी सुबह तक लोगों को नहीं मिल सकी थी.

दिल्ली पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ भारतीय दण्ड संहिता की धारा-186 (सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला करना), 332 (जान-बूझकर व्यवधान डालना) और 341 (गै़र-क़ानूनी हस्तक्षेप) के तहत मुक़दमा दर्ज किया.

इस पर सुनवाई करते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने रविवार को उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. लेकिन मंगलवार को  कोर्ट ने 25 हज़ार रुपये के निजी मुचलके पर मनदीप को ज़मानत दे दी थी.

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