अभी धुंधला है 'किसान गणतंत्र परेड' का रूट - Unreported India
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अभी धुंधला है ‘किसान गणतंत्र परेड’ का रूट

प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

परेड के जिस रूट पर सहमति बनी थी, उस पर कई किसान नेताओं ने सवाल उठाए हैं. किसान नेताओं ने कहा कि सरकारी रूट पर शर्तों के साथ परेड नहीं करेंगे. किसान रिंग रोड पर ही शांतिपूर्वक परेड करेंगे.

पुलिस प्रशासन और किसान प्रतिनिधियों के बीच 6 दौर की बातचीत के बाद किसानों को गणतंत्र परेड के रूट पर सहमति बनने का ऐलान किया गया था. लेकिन अब कई किसान नेताओं ने पुलिस प्रशासन के साथ बनी सहमति पर सवाल उठाए हैं.

किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि ‘शर्तों के साथ रैली निकालने की बात को हम नामंजूर करते हैं. सुबह 10 बजे हमारी पुलिस के साथ बैठक है उसमें तय किया जाएगा कि कौन से रूट पर रैली निकालनी है और कितने बजे रैली निकालनी है. 12 बजे रैली निकालने का कोई तुक नहीं बनता है.’

वहीं किसान नेता श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों को दिल्ली पुलिस के साथ बातचीत के बाद प्रस्तावित रूट से आपत्ति है. उन्होंने कहा कि ‘संयुक्त मोर्चा ने रिंग रोड का जो प्रोग्राम बनाया था, हम उसी प्रोग्राम पर कायम हैं. हमें दिल्ली पुलिस के रूट पर आपत्ति है. हम पुलिस से अनुरोध करेंगे, इजाजत देना या ना देना सरकार का है. हमारी तरफ से ऐसा कुछ नहीं होगा जिससे टकराव हो.’

किसान नेता हरविंदर सिंह लखोवाल का कहना है कि ‘हमारा रूटमैप कुल 500 किलोमीटर का है. हमने रूटमैप बना लिया है और कल नेट पर डाल देंगे। सरकार इंतजाम करे ताकि कुछ गड़बड़ न हो. हमने 3,000 वालंटियर की फोर्स बनाई है ताकि कुछ गड़बड़ न हो. ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्वक होगी.’

पुलिस प्रशासन के साथ परेड के रूट पर बनी सहमति पर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा था कि ‘दिल्ली पुलिस की तरफ से आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाज़त मिल गई है. जितने भी साथी अपनी ट्रोलियां लेकर बैठें है. मैं उनसे अपील करता हूं कि सिर्फ ट्रैक्टर दिल्ली के अंदर लेकर आएं, ट्रोलियां न लेकर आएं.’

इसके साथ ही योगेंद्र यादव ने एक वीडियो अपील भी जारी की जिसमें रूट की जानकारी और तैयारियों के बारे में बताया.

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (इंटेलिजेंस) दीपेंद्र पाठक ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के बाद बताया कि ‘गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने की मांग का सम्मान करते हुए दिल्ली के 3 जगह से- सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से बैरिगेट्स को हटाकर दिल्ली के अंदर मेन रोड पर कुछ किलोमीटर तक अंदर आने पर सहमति हुई है.’

दीपेंद्र पाठक ने कहा कि ‘टिकरी बॉर्डर से प्रवेश करने पर 63-64 किलोमीटर के स्ट्रेच, सिंघु बॉर्डर से 62-63 किलोमीटर के स्ट्रेच और गाजीपुर बॉर्डर से 46 किलोमीटर के स्ट्रेच की अनुमति है. ट्रैक्टरों को इस तरह से लाया जाए कि मार्च शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से हो.’

दरअसल किसान संगठनों ने दिल्ली रिंग रोड पर परेड करने का ऐलान किया था. लेकिन दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के साथ चली बातचीत के बाद इस रूट में बदलाव किया गया. अब पंजाब के कई किसान संगठन के नेता इस रूट को मानने से इनकार कर रहे हैं और रिंग रोड पर ही परेड करने की बात दोहरा रहे हैं.

वहीं दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन में देश भर से भारी तादाद में किसान परेड में हिस्सा लेने के लिए अपने ट्रैकटरों के साथ आ रहे हैं. मुंबई के आज़ाद मैदान में भी किसानों ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

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