सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देशभर में बैंक कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है. राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैंक कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक प्रदर्शन कर रहे एक बैंक कर्मचारी ने कहा, ‘अगर सरकार नहीं मानी तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.’
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का असर महाराष्ट्र , उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत दूसरे राज्यों में भी देखने को मिला. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हड़ताल के दूसरे दिन बैंक और ATM बंद दिखे. बैंक और एटीएम बंद होने की वजह से आम लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
उत्तर प्रदेश: लखनऊ में बैंक कर्मचारियों ने सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन(UFBU) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देशभर में 15 और 16 मार्च को हड़ताल बुलाई है। pic.twitter.com/AuD6fsg7IF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 16, 2021
राहुल गांधी ने किया हड़ताल का समर्थन
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले में सरकार को घेरा और हड़ताल का समर्थन किया. राहुल ने ट्वीट कर कहा- ‘भारत सरकार प्रॉफिट का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी उद्योगपतियों को सरकारी बैंक बेचने से देश की वित्तीय सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है. मैं बैंक कर्मचारियों के साथ हूँ.
GOI is privatising profit & nationalising loss.
Selling PSBs to Modicronies gravely compromises India’s financial security.
I stand in solidarity with the striking bank employees.#BankStrike
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 16, 2021
चार दिन से बंद हैं बैंक
यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन(UFBU) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देशभर में 15 और 16 मार्च को हड़ताल बुलाई. इससे पहले शनिवार और रविवार होने की वजह से बैंक बंद थे.
क्यों है बैंकों की हड़ताल?
हाल ही में सालाना बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश के ज़रिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थी. केंद्र की मोदी सरकार कई सरकारी कंपनियों के साथ-साथ कुछ बैंकों के निजीकरण के ज़रिए इतनी रक़म जुटाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि केंद्र सरकार दो सरकारी बैंकों का निजीकरण करेगी. वहीं, आईडीबीआई बैंक के पूरे तरह निजीकरण की प्रक्रिया प्रस्तावित है. किन दो बैंकों का निजीकरण होगा यह अभी तक साफ़ नहीं है.
यूनियन नेताओं ने दो दिन की इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के शामिल होने का दावा किया है.