बीते चार महीने से ज़्यादा वक़्त से जारी किसान आंदोलन ने एक बार फिर अपनी रणनीति तेज कर दी है. 26 जनवरी को दिल्ली में हुई घटना के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने संसद मार्च स्थगित कर दिया था. लेकिन अब मई के पहले हफ़्ते में किसान पैदल दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे और संसद की ओर कूच करेंगे.
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संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से संसद कूच का ऐलान किया है. हालांकि संसद कूच की तारीख़ अभी तय नहीं की गई है लेकिन मई के पहले हफ़्ते में किसान दिल्ली की तरफ पैदल बढ़ेंगे.
मई के पहले हफ्ते में होगा पैदल संसद कूच – @GurnamsinghBku pic.twitter.com/hbLHUVXWMI
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इससे पहले भी संयुक्त किसान मोर्चा ने संसद कूच का ऐलान किया था. लेकिन 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए तनाव के बाद किसान नेताओं ने संसद मार्च को स्थगित कर दिया था. हालांकि इस बार किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि किसान पैदल संसद की तरफ जाएंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और भारतीय किसान यूनियन चढूनी के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने कहा कि मई के पहले हफ्ते में दिल्ली कूच करेंगे. जिसमें महिलाएं और बेरोजगार युवक भी शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि संसद मार्च पूरी तरह से शांति पूर्वक रहेगा. गुरनाम चढूनी ने कहा कि कई किसान नेता देश के अलग- अलग हिस्सों में कार्यक्रम कर रहे हैं लिहाजा संसद मार्च की तारीख़ तय नहीं की गई है.
इसके साथ ही 5 अप्रैल के FCI बचाओ दिवस मनाने का भी ऐलान किया गया है तो वहीं 14 अप्रैल को डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौक पर किसान संविधान बचाओ दिवस के तौर पर मनाएंगे.