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ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर तनाव जारी, पढ़िए किस राजनेता ने क्या कहा

जारी है किसानों की धरना

ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर जारी तनाव पर विपक्ष के कई नेताओं की तरफ़ से प्रतिक्रिया आई हैं. इन सभी ने किसानों का समर्थन करते हुए प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया है.

ग़ाज़ीपुर के दिल्ली- उत्तर प्रदेश बॉर्डर किसान आंदोलन के प्रदर्शन स्थल पर जारी तनाव के बीच राजनैतिक नेताओं ने भी अपने बयान जारी कर सरकार और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा ‘ एक साइड चुनने का समय है. मेरा फ़ैसला साफ़ है. मैं लोकतंत्र के साथ हूँ, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूँ.’

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसानों का समर्थन करते हुए ट्विटर पर लिखा ‘कल आधी रात में लाठी से किसान आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश की. आज गाजीपुर, सिंघू बॉर्डर पर किसानों को धमकाया जा रहा है. यह लोकतंत्र के हर नियम के विपरीत है. कांग्रेस किसानों के साथ इस संघर्ष में खड़ी रहेगी. किसान देश का हित हैं. जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं- वे देशद्रोही हैं. हिंसक तत्वों पर सख़्त कार्यवाही की जाए लेकिन जो किसान शांति से महीनो से संघर्ष कर रहे हैं, उनके साथ देश की जनता की पूरी शक्ति खड़ी है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि ‘आज जिस तरह छल-बल का प्रयोग कर भाजपा सरकार किसानों के आंदोलन को कुचल रही है, उससे किसानों के साथ-साथ हर सच्चे भारतीय की आत्मा रो रही है. किसान अगले चुनाव में सरकार की क्रूरता का जवाब वोट से देंगे. आज भाजपा जिन किसानों को सड़क से उठा रही है, वो कल भाजपा को ही सड़क पर ले आएंगे.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद सिंह ने दिल्ली पुलिस से लुकआउट नोटिस वापस लेने की अपील के साथ ट्वीट किया ‘दिल्ली पुलिस को आंदोलन को कमजोर करने के लिए 26 जनवरी की हिंसा का सहारा लेकर किसान नेताओं को परेशान नहीं करना चाहिए. उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस को वापस ले लिया जाना चाहिए, वे विजय माल्या या नीरव मोदी जैसे कॉरपोरेट रैडार नहीं हैं, बल्कि छोटे किसान हैं। वे कहां भागेंगे?

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) किसानों की लड़ाई में उनके साथ है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा ‘किसानों की लड़ाई में @RJDforIndia मजबूती से किसानों के पक्ष में खड़ा है. सरकार बाप-बेटों अर्थात् जवानों और किसानों को आपस में भिड़ाकर उनका नुक़सान एवं अपने फंडदाताओं को फ़ायदा पहुँचा रही है. अन्नदाताओं पर सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचारों की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते है.

ग़ाज़ीपुर में जारी किसान आंदोलन को ख़त्म कराने के लिए प्रशासन से प्रदर्शन स्थल खाली करने को कहा है. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने किसी भी हालत में प्रदर्शन रोकने की बात से इनकार कर दिया है. जिसके बाद से ही प्रदर्शन स्थल पर भारी तनाव की स्थिति बनी हुई है. यहां भारी तादाद में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

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