कोविशील्ड (Covishield) की दो डोज़ के बीच के गैप को 6-8 हफ्तों की जगह 12-16 हफ्ते करने के फैसले को केंद्र सरकार साइंटिफिक बताया है. नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के चेयरमैन एनके अरोड़ा ने मंगलवार को कहा कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच गैप को बढ़ाने का फैसला पारदर्शी तरीके से लिया गया और यह पूरी तरह से वैज्ञानिक साक्ष्यों ( Scientific evidence) पर आधारित है. उन्होंने ये भी कहा कि इस फैसले को लेकर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के सदस्यों के बीच कोई असहमति नहीं थी.
वहीं इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी ट्वीट कर कहा कि ये फैसला वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर लिया गया और भारत में ऐसे हेल्थ डेटा के आकलन का बेहतरीन तंत्र है और दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे मामलों में भी राजनीति की जा रही है.
Record of Minutes of meetings of #COVID19 Working Group & Standing Technical Sub-Committee of NTAGI clearly show that decision to recommend gap of 12-16 weeks between administering 2 doses of #COVISHIELD was taken unanimously…https://t.co/hZzSws2Kkh@PMOIndia @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/nuzRUvyToB
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) June 16, 2021
दरअसल सरकार और अरोड़ा का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब न्यूज़ एजेंसी रायटर ने कहा है कि नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन ( National Technical Advisory Group on Immunisation) यानी NTAGI के 14 में से तीन सदस्य गैप बढ़ाने के लिए सहमत नहीं थे और वर्किग ग्रुप के सदस्यों ने कहा था कि NTAGI के पास इस तरह की सिफारिश करने के लिए पर्याप्त डाटा नहीं थे.
हालांकि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की दो डोज के बीच अंतराल नहीं बदला गया था. कोविड-19 वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन पर बने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप (NEGVAC) ने कार्यसमूह की ये सिफारिशें 12 मई को स्वीकार की थीं.