दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा कि वह 22 फरवरी को दिशा रवि, शांतनु और निकिता जैकब को एक साथ बिठाकर आमने- सामने पूछताछ करना चाहती है. इस वजह से पुलिस कस्टडी की जरूरत 22 फरवरी को रहेगी.
पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अदालत ने यह आदेश दिल्ली पुलिस की मांग कर दिया है. टूल किट मामले में गिरफ़्तार दिशा रवि की पांच दिन की पुलिस रिमांड पर थी.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक़ दिशा रवि सवालों के जवाब देने से कतरा रही है, इसलिए उन्हें तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जाए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस ने अदालत में दिशा रवि की पुलिस रिमांड बढ़ाने की मांग नहीं की.
दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। pic.twitter.com/p8Iffpy9QZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2021
दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह 22 फरवरी को दिशा रवि, शांतनु मुलुक और निकिता जैकब को एक साथ बैठा कर आमने- सामने पूछताछ करना चाहती है, लिहाजा दिशा रवि की पुलिस रिमांड की ज़रूरत 22 फरवरी को होगी.
दिल्ली पुलिस ने शांतनु मुलुक को नोटिस भेज कर 22 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है. दिल्ली पुलिस का यह भी कहना है कि दिशा रवि पूछताछ में सारा दोष निकिता जैकब और शांतनु मुलुक पर मढ़ रही हैं.
#UPDATE | Toolkit case: Disha Ravi sent to three-day judicial custody by Delhi's Patiala House Court https://t.co/hI6nNZsaHe
— ANI (@ANI) February 19, 2021
दूसरी तरफ दिशा रवि की ओर से जमानत याचिका भी दाखिल की गई है. दिशा रवि की जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट के सेशन कोर्ट में कल यानी शनिवार को सुनवाई होगी. इस मामले में आरोपी वकील निकिता जैकब और शांतनु मुलुक को महाराष्ट्र हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी है.
मीडिया को नसीहत
अदालत ने इस मामले पर मीडिया कवरेज पर भी नसीहत दी है. अदालत ने कहा कि मीडिया यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी खबरें सत्यापित और प्रामाणिक स्रोतों से प्राप्त हों. संपादकीय टीमें यह सुनिश्चित करें कि प्रसारित होने वाली सामग्री प्रमाणित हो. साथ चैनल संपादक अपने कंटेंट पर नियंत्रण रखें ताकि जांच में बाधा न आए.
कौन है दिशा रवि
22 साल की दिशा रवि बेंगलुरू की रहने वाली पर्यावरण कार्यकर्ता हैं. दिशा रवि ‘फ़्राइडे फ़ॉर फ़्यूचर’ नाम की मुहिम की संस्थापक हैं. उन्हें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले हफ़्ते शनिवार की शाम बेंगलुरु से गिरफ़्तार किया था. स्वीडन की पर्यावरण कार्यरकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के किसानों के समर्थन में ट्वीट करने के बाद दर्ज हुए मामले में यह पहली गिरफ़्तारी थी.